लाडनूं में महावीर जयंती समारोह: चांदी के प्राचीन कलात्मक रथ पर निकली भगवान महावीर की शोभायात्रा, चांदी के 108 दीपों से की गई तीर्थंकर की आरती

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लाडनूं में महावीर जयंती समारोह:

चांदी के प्राचीन कलात्मक रथ पर निकली भगवान महावीर की शोभायात्रा, चांदी के 108 दीपों से की गई तीर्थंकर की आरती

राज पाटनी, सांस्कृतिक पत्रकार। लाडनूं (kalamkala.in)। भगवान महावीर के जन्म कल्याणक महोत्सव महावीर जयंती के अवसर पर लाडनूं के जैन मंदिरों में गुरुवार को विशेष पूजा, शांतिधारा, अभिषेक, आरती व रथयात्रा के कार्यक्रम आयोजित हुए। जैन समाज के सक्रिय कार्यकर्ता राज पाटनी ने बताया कि महावीर जयंती के मुख्य आयोजनों में बड़ा जैन मंदिर से चांदी के प्राचीन व कलात्मक रथ सहित भव्य शोभायात्रा भगवान महावीर के अहिंसा, प्रेम व शांति के नारों, संदेशों व भजनों से वातावरण को गुंजायमान करते हुए नगर के प्रमुख मार्गों व बाजारों से होकर निकली।

काशलीवाल परिवार ने ली रथ में विराजित होने की बोली

रथ में विराजित होने की बोली सुरेश हीरालाल आकाश कासलीवाल संतोष सेठी व राजेश गोधा के द्वारा ली गई। शोभायात्रा में रथ के साथ जैन धर्म के विभिन्न प्रकरणों पर आधारित मनोरम झांकियां सम्मिलित की गई। शोभायात्रा के मार्ग में श्रावकों ने अपने घर के द्वार पर रथयात्रा की आरती उतार कर अभिनंदन किया। रथ यात्रा का समापन जैन बड़ा मंदिर में हुआ, जहां रथ में विराजित भगवान महावीर की प्रतिमा का अभिषेक अनुष्ठान पूर्वक किया गया व आर्यिका सरस्वती माताजी का उद्बोधन उपस्थित संपूर्ण समाज के समक्ष हुआ।महावीर जयंती के इस पावन अवसर पर इस बार जैन समाज को गणिनी आर्यिका सरस्वती माताजी ससंघ का भी सान्निध्य व आशीर्वाद मिला।

शांतिनाथ भवन निर्माता कासलीवाल परिवार का किया गया अभिनंदन

महावीर जयंती के अवसर पर सायंकालीन कार्यक्रमों में दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर के पास नवनिर्मित शांतिनाथ भवन का उद्घाटन मांगीलाल हीरालाल कासलीवाल परिवार के द्वारा विधि-विधान पूर्वक किया गया। सांयकाल में लाडनूं के लाडले भजन-गायक संजय जैन द्वारा णमोकार जाप व भजनों का भव्य आयोजन किया गया व नवनिर्मित शांतिनाथ भवन के निर्माण में विशेष सहयोगी हीरालाल आकाश कासलीवाल का जैन समाज द्वारा स्वागत व सम्मान किया गया।सांयकाल ही कलात्मक कांच मंदिर श्री चंद्रसागर स्मारक भगवान महावीर जिनालय में 108 रजत दीपकों से भव्य आरती का आयोजन किया गया।
विभिन्न अनुष्ठानों में समाज के बड़ी संख्या में महिला पुरुष व बच्चों ने भाग लिया।

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Author: kalamkala

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