लाडनूं में लोगों की पसंद बना बाल-गायिका सीमा भुट्टो की आवाज का जादू,
स्वतंत्रता दिवस पर किया सबको मोहित, केशरदेवी स्कूल में किया गया स्वागत-सम्मान
लाडनूं (kalamkala.in)। कहा जाता है कि कला ईश्वरीय देन होती है, जो ‘गोड गिफ्ट’ के रूप में बचपन से ही दिखाई देने लगती है। तभी कहा जाता है, ‘होनहार बीरबान के होत चिकने पात’। यह कहावत लाडनूं की बालिका गायिका सीमा भुटो पर सटीक बैठती है। सीमा यहां के केशर देवी सेठी राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 12 की छात्रा की छात्रा है। उसे बचपन से ही गायन का शौक रहा था। वह देशभक्ति गीत और कविताओं का शौक रखती थी। सीमा भुट्टो से हाल ही में समस्त लाडनूं वासी उस समय अच्छी तरह परीचित हुए, जब उसने यहां स्टेडियम में आयोजित उपखंड स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में देशभक्ति कविता प्रस्तुत की। उसका कविता का गायन सुन कर सभी अचंभित रह गए।
हाव-भाव और अंदाज से होते हैं लोग सम्मोहित
उसके विद्यालय केशर देवी बालिका विद्यालय के प्रांगण में शनिवार को सभी गुरुजनों ने सीमा भुटा का स्वागत-सम्मान किया। इस अवसर पर शिक्षकों ने बताया कि इस बालिका ने समय-समय पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जिस शैली से कविताएं प्रस्तुत की, उससे सभी प्रभावित होते हैं और बरबस ही कहते हैं, कि यह बालिका एक दिन अच्छी कवियत्री व गायिका सिद्ध होगी। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका शिल्पी जैन ने बताया कि इस बालिका की रुचि हमेशा कुछ नया करने की रही है। उसकी रुचि देशभक्ति गीतों और कविताओं को आगे बढ़ाने की है। गौरतलब है कि सीमा विभिन्न कार्यक्रमों में अपने उत्कृष्ट गायन से हमेशा पुरस्कृत होती रही है।
उसे सुनकर गूंज उठती है तालियों की गड़गड़ाहट
कार्यक्रमों में वह जिस शैली से उसने कविता प्रस्तुत करती है, तो सभी यही कहते हैं कि यह बालिका एक दिन अच्छी गायिका बनेगी। उसका जोशीला अंदाज, प्रभावोत्पादक हाव-भाव और सुमधुर आवाज के कारण उसके कविता बोलने पर बरबस ही तालियों की गड़गड़ाहट शुरू हो जाती है। कहते हैं कि कला किसी की मोहताज नहीं होती और सीमा की कला बिना किसी प्रोत्साहन और बिना समुचित प्रशिक्षण के भी लगातार निखरती जा रही है। उसका गायन बहुत ही प्रभावी बन चुका है।