शिल्पकार की भूमिका में शिक्षक देता है विद्यार्थियों को मनचाहा स्वरूप- प्रो. जैन,
शिक्षक दिवस पर सम्मान व मनोरंजन का समारोह आयोजित
लाडनूं। जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग व आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में छात्राओं ने शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में विद्यार्थियों ने शिक्षकों का सम्मान किया। मुख्य अतिथि कुलसचिव व विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने कहा कि यह आस्था, श्रद्धा व सम्मान का कार्यक्रम है। शिक्षक को शिल्पकार बताते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को चाहे जैसे मोड़ कर कोई भी आकार दे सकते हैं। बीज में वृक्ष बनने की क्षमता होती है, लेकिन उसे समुचित सम्पोषण दिए जाने की जरूरत होती है। इसी प्रकार विद्यार्थियों की क्षमताओं को पहचान कर उन्हें समाज के लिए उपयोगी बनाने पर शिक्षकों का ध्यान रहना जरूरी है। ज्ञान प्राप्ति का उद्देश्य समाज के हित व कल्याण के लिए काम करना होना चाहिए। प्रो. रेखा तिवाड़ी ने कहा कि जीवन में ज्योति को पहचान कर समस्त समाज और मानव जाति के लिए अधिकतम कार्य करने के लिए तैयार रहना चाहिए। प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने प्राचीन भारतीय गुरू-शिष्य परम्परा में उदाहरण देते हुए तेरापंथ धर्मसंघ के गुरू आचार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुरू ज्ञान का प्रतीक होता है। गुरू के बिना व्यक्ति का जीवन शबदहीन पुस्तक की तरह होता है। कार्यक्रम में कोमल प्रजापत व प्राची ने नृत्य की प्रस्तुतियां दी। विद्यार्थियों के समूह ने नाटक की प्रस्तुति देते हुए गुरू की महता प्रदर्शित की। खुशी जोधा ने सभी शिक्षकों के लिए सम्मानजनक टाईटल प्रदान किए तथा पीपीटी से शिक्षकों का परिचय प्रस्तुत किया। अभिलाषा जैन ने हास्य कविता सुनाई। योगेश व नेहा ने शिक्षकों को मंच पर बुलाकर अनेक ज्ञानवर्द्धक व मनोरंजक गेम खिलाए। कार्यक्रम का प्रारम्भ गणपति वंदना पर नृत्य से किया गया और अंत में डा. सरोज राय ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन अभिलाषा व तेजस्विनी ने किया। कार्यक्रम में सभी शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।