तीन वाहनों में आए बदमाशों ने हमला कर लोहे के सरिए से एक युवक का सिर फोड़ा, दो अन्य के साथ भी मारपीट
लाडनूं (kalamkala.in)। यहां वन विभाग के सामने तीन गाड़ियों में आए हमलावरों ने हमला करके एक युवक के सिर पर लोहे के सरिए से गंभीर चोट पहुंचाई व उसके हाथों पर भी चोटें पहुंचाई। घायल युवक को गंभीर हालत में यहां से रैफर करने के बाद सीकर में भर्ती किया जाकर इलाज किया जा रहा है। इस मामले के बारे में घायल के पिता जयसिंह (58) पुत्र भागीरथ सिह राजपूत और उसका भतीजा नरेन्द्रसिंह (41) पुत्र रणवीरसिह राजपूत निवासी जोधा का बास लाडनूं ने यहां पुलिस थाने में आकर एक रिपोर्ट दी। इसमें बताया गया है कि 9 जून को दोपहर 2 बजे करीब उसके (जयसिंह के) विदेश से आए पुत्र शक्तिसिंह और नरेन्द्रसिंह पुत्र रणवीर सिंह व महावीरसिंह पुत्र मदनसिंह के साथ गोरेडी स्टेण्ड स्थित होटल पर खाने खाने गये थे, वहां कैलाशदान उर्फ के.डी. पुत्र सवाईदान चारण निवासी मगरा बास लाडनूं भी होटल में आया हुआ था। कैलाशदान व महावीर के मध्य पूर्व से चली आ रही रंजिश के चलते किसी बात को लेकर कैलाशदान ने महावीर पर मारपीट करने की नियत से गाली-गलौच करनी शुरू कर दी, तब उसके पुत्र शक्तिसिंह ने कैलाशदान को गाली-गलौच करने से मना किया, तो कैलाशदान आग-बबूला हो गया और कहने लगा कि तुम मुझे जानते नहीं हो, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, मुझे बीच में टोकने की। मैंने आज से पहले कईयों का इलाज कर रखा है। कैलाशदान ने उसके पुत्र शक्ति सिंह व महावीर को शाम से पहले पहले जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद शाम करीब 8.30 बजे उसका पुत्र शक्तिसिंह, महावीरसिंह व नरेन्द्रसिंह उर्फ पर्वत तीनों वन विभाग के सामने नरेन्द्रसिंह के निर्माणाधीन मकान पर सार-सम्भाल करने गये थे, वहां कैलाशदान, मुराद खां पुत्र मोती खां निवासी चांद सागर कुए के पास लाडनूं व अमजद खां पुत्र अयूब खां निवासी चांद सागर कुएं के पास लाडनूं तीन गाडियों, जिनमें एक स्कॉर्पिओ नं. आर. जे. 21 यू.बी. 9007 में हथियारों से लैस होकर जान से मारने की नियत से आये व आते ही पुत्र शक्तिसिंह पर कैलाशदान ने लोहे के सरिये से मारपीट शुरू कर दी, जिससे उसके पुत्र के सिर में गम्भीर चोटें लगी व खून आने लग गया। उसके दोनों हाथों पर अन्य मुल्जिमान ने कैलाशदान के साथ मिलकर मारपीट की, जिससे दोनों हाथों पर भी गम्भीर चोटें आयी व अमजद खां तथा अन्य साथ में आये मुल्जिमान ने महावीर व नरेन्द्र के साथ भी मारपीट की, जिससे नरेन्द्र के बायें हाथ पर चोट आयी। मेरे पुत्र शक्ति के जमीन पर गिर जाने व खून बहता देख सारे मुल्जिमान मौके से भाग गये। नरेन्द्रसिंह ने मेरे पुत्र को सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां से उसकी हालात गम्भीर होने से हायर सेंटर रेफर कर दिया। उसके पुत्र का इलाज अब सीकर के अस्पताल में चल रहा है। सरकारी अस्पताल में इस घटना की जानकारी देने पर रिपोर्ट पुलिस को दी गई है। पुलिस ने इस रिपोर्ट को धारा 341, 323, 504/34 आईपीसी के तहत दर्ज किया है।