लाडनूं के पार्षद हाजी सतार खां पर शारीरिक-मानसिक शोषण के आरोप लगाने वाली पीड़िता ने लिखा कलेक्टर को पत्र,
वार्ड सं. 2 के पार्षद पद से हटाने और कन्या विद्यालय सहित अनेक स्कूलों की कमेटियों से सदस्य हटाने की उठाई मांग
लाडनूं (kalamkala.in)। शारीरिक-मानसिक शोषण का शिकार एक पीड़िता ने जिला कलेक्टर डीडवाना को पत्र भेज कर लाडनूं नगर पालिका में वार्ड सं. 2 से वर्तमान पार्षद हाजी सतार खां के खिलाफ दर्ज मुकदमा संख्या 165/2025 के आधार पर उसे पार्षद पद एवं लाडनूं की सरकारी स्कूलों से संबंधित विद्यालय विकास समितियों के सदस्य पदों से तुरंत प्रभाव से हटाने की मांग की है। पत्र में लिखा है कि लाडनूं के वार्ड नंबर 2 के मौजूदा पार्षद हाजी सतार खां मलवाण निवासी लामड़ावास (शहरिया बास) लाडनूं, जो अपने आपको समाजसेवी कहता है, के द्वारा उस गरीब बेसहारा महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाने के उद्देश्य से उसे अपने जाल में फंसा कर सहायता करने और कराने के नाम पर उसके साथ फोन काल पर गंदी-गंदी बातें की तथा उन्हें रिकार्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल करवाई। इसकी एफआईआर पुलिस थाना लाडनूं में दर्ज है।जिसका मुकदमा संख्या 165/2025 पुलिस थाना अधिकारी लाडनूं के पास तफ्तीश में है। पत्र में इस मुकदमे में पार्षद हाजी सतार खां वगैरह को तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार कर जेल भेजने की भी मांग की गई है। साथ ही बताया गया है कि आरोपी पार्षद हाजी सतार खां को लाडनूं शहर में स्थित राजकीय केशरदेवी सेठी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यलय, राजकीय जौहरी उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं राजकीय शहीद अजीम खां इंग्लिश मीडियम विद्यालय नंबर 2 में सरकार द्वारा गठित विद्यालय विकास समितियों में सदस्य बनाया हुआ है। इसके खिलाफ पुलिस थाना लाडनूं में दर्ज यह मुकदमा संख्या 165/2025 में पीड़ित महिला द्वारा आरोपी के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों के आधार पर तुरंत प्रभाव से सदस्य पद से हटवाया जाए तथा आरोपी पार्षद को वार्ड नंबर 2 के मौजूदा पार्षद पद से निलंबित कराया जाए। इसके लिए सरकार और प्रशासन से उच्च स्तरीय विभागीय कार्रवाई तुरंत प्रभाव से अमल में लाई जाए। पत्र में ऐसे व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना अति आवश्यक बताते हुए लिखा गया है कि शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण का आरोपी होने से संभावना है कि यह व्यक्ति अन्य किसी महिलाओं का भी शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण कर सकता है, इसके लिए इस आरोपी पार्षद के खिलाफ उच्च स्तरीय कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।







