राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि अधिनियम लाया जाएगा- सीएम भजन लाल शर्मा, मुख्यमंत्री आवास पर राज्यस्तरीय लोकतंत्र सेनानी सम्मान समारोह आयोजित, लाडनूं के लोगों का भी किया सम्मान

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राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि अधिनियम लाया जाएगा- सीएम भजन लाल शर्मा,

मुख्यमंत्री आवास पर राज्यस्तरीय लोकतंत्र सेनानी सम्मान समारोह आयोजित, लाडनूं के लोगों का भी किया सम्मान

जयपुर (kalamkala.in)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आपातकाल के दौरान संघर्ष करने वाले एक हजार से ज्यादा लोकतंत्र सेनानियों को शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। लोकतंत्र सेनानियों की इच्छा पर संवेदनशीलता का परिचय देते हुए मुख्यमंत्री 5 घंटे तक खुद खड़े रह कर उन्हें सम्मानित किया। सीएम ने राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि अधिनियम लाने की घोषणा की और बताया कि सरकार ने पहले ही राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि-2008 को बहाल कर दिया है। मुख्यमंत्री ने बुजुर्ग लोकतंत्र सेनानियों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद भी लिया तथा व्हील चेयर पर आए लोकतंत्र सेनानियों को मंच से उतरकर सम्मानित किया। सीएम ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में आपातकाल एक काली रात के रूप में जाना जाता है। 25 जून, 1975 को तत्कालीन सरकार ने देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का दम घोंट दिया था। इस 21 महिनों तक चले आपातकाल में भारतीय लोकतंत्र पर कभी न मिटने वाला धब्बा लग गया।

लाडनूं के स्व. परिहार की पत्नी सहित अनेक का किया सम्मान

जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर हुए इस राज्य स्तरीय लोकतंत्र सेनानी सम्मान समारोह के कार्यक्रम में लाडनूं के भी अनेक लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया गया। इनमें स्व. चन्द्र सिंह परिहार की पत्नी मांगी देवी माली का सम्मान भी मुख्यमंत्री शर्मा ने किया। मांगी देवी के साथ उनके पुत्र हनुमंत सिंह परिहार भी थे। गोरतलब है कि चन्द्र सिंह परिहार को आपातकाल के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बंदी बना कर जेल में डाल दिया था। उनके अलावा लोकतंत्र सेनानी प्रकाशचन्द वर्मा को भी सीएम ने सम्मानित किया। लाडनूं के ही सवाई सिंह चौहान को भी लोकतंत्र सेनानी सम्मान प्रदान किया गया। लाडनूं के ही सौभागचंद नाहर, प्रदीप भाटी, ज्योति राज सिंह, दामोदर, गिरधारी लाल तापड़िया का भी सम्मान किया गया। इनके अलावा और भी बड़ी संख्या में अन्य कार्यकर्ताओं ने भी आपातकाल के दौरान भूमिगत रूप से और अन्य तरीकों से संघर्ष करके लोकतंत्र सेनानी की भूमिका निभाई थी। आपातकाल हटाने को लेकर तहसील के सामने धरना-प्रदर्शन और अनशन तक किया था।

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Author: kalamkala

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