‘घुड़लो घूमैलो जी घूमैलो…’ के साथ लोकगीतों की मची धूम लाडनूं में महिलाएं कर रहीं पारम्परिक ढंग से श्रद्धा व उत्साह के साथ की गणगौर-पूजा

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‘घुड़लो घूमैलो जी घूमैलो…’ के साथ लोकगीतों की मची धूम

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लाडनूं में महिलाएं कर रहीं पारम्परिक ढंग से श्रद्धा व उत्साह के साथ की गणगौर-पूजा

लाडनूं (kalamkala.in)। गणगौर पर्व को लेकर यहां परम्परागत रूप से राजस्थानी संस्कृति से ओतप्रोत महिलाओं का गीत-संगीत, धोक-पूजा आदि विविध कार्यक्रम हर गली-मोहल्ले और घर-घर संचालित किए जा रहे हैं।
महोत्सव के शुभ अवसर पर महिलाओं ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ गणगौर माता की पूजा-अर्चना की। गणगौर पूजन के साथ ही पिछले काफी सालों से व्रत धारण करने वाली सुहागिन महिलाएं उज्मणा भी कर रही है। लगातार 16 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव का महिलाओं में विशेष चाव नजर आ रहा है। हर तरफ ‘गौर ऐ गणगौर माता’ के सुमधुर गीतों की लहरियां और लोकगीत ‘घुड़लो घूमैलो जी घूमैलो’ की धूम मची है। यहां मालियों के बास, कुम्हारों के बास, रैगर बस्ती, खटीक बस्ती, गुर्जरों का बास, जोधों का बास आदि सभी मौहल्लों में गणगौर-पूजा की धूम मची है।
इस दौरान संगीता ओस्तवाल, डा. सुमन गोदारा, मुन्नी, सुनीता, अन्तिमा, अनिता, ललिता, नर्मदा, वर्षा, मिंटू, दिव्या, कंचन, निकिता, प्रियंका, उषा और गीतांजलि सहित कई महिलाओं ने रंग-बिरंगे परिधानों में सजकर गणगौर माता की आराधना की और परम्परिक गीतों के साथ सामूहिक नृत्य किया। इस अवसर पर गणगौर-ईश्वर की हल्दी और मेहंदी का कार्यक्रम भी महिलाओं द्वारा आयोजित किया गया।

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Author: kalamkala

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