सावधानियों सम्बंधी निर्देशों से करवाया अवगत
1. सिवरेज का कनेक्शन खुद नहीं करें।
2. मैनहॉल एवं चैम्बर में पत्थर, मलबा एवम पोलिथिन नही डालें।
3. गर्भनिरोधक व सेनेट्री नैपकिन को शौचालयो में प्रवाहित ना करें।
4. सीवर लाइन जाम होने पर इससे छेड़ छाड़ ना करें।
5. सभी आउटलेट पर जाली लगाएं एवम नियमित रूप से जालियों की सफाई करें।
लाडनूं। राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना (रूडिप) की सामुदायिक जागरूकता एवं जन सहभागिता इकाई द्वारा अधिशाषी अभियंता गुरतेज सिंह के निर्देशन में सहायक अभियंता जितेंद्र कुमार के मार्गदर्शन व एसीएम राम कुमार सिंहल के सहयोग से यहां जाटों के बास स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में महिला समूह के साथ बैठक करके आरयूआईडीपी परियोजना द्वारा किए जा रहे सीवरेज कार्यों से होने वाले लाभों के बारे में एवं सीवर कनेक्शन के बारे में जानकारी दी गई। सीवर कार्य में सहयोग एवम सीवर प्रणाली को सुरक्षित में महिलाओं के लिए रखने योग्य सावधानियों के बारे में उन्हें जागरूक किया गया।
सिवरेज के बारे में बताई सावधानियां
सामाजिक विकास विशेषज्ञ देवेन्द्र सिंह ने केम्प में आमजन और महिलाओं को बताया कि रुडिप के माध्यम से जाटों के बास एवं शहरिया बास लाडनूं में सीवरेज लाइन डालने का कार्य प्रगति पर है, जिसमें आमजन को सीवर कार्य के दौरान कुछ समय के लिए असुविधा का सामना करना पड़ सकता है, इस योजना के लाभ भी बहुत हैं। उन्होंने सीवर प्रणाली से होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से बताया तथा सीवर प्रणाली को सुचारू रखने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोई भी आमजन स्वयं के स्तर पर सीवरेज कनेक्शन नही करे तथा सीवरेज लाइन के मैनहॉल एवं चैम्बर में पत्थर, मलबा एवम पोलिथिन नही डालं,े गर्भनिरोधक व सेनेट्री नैपकिन को शौचालयो में प्रवाहित ना करें। सीवर लाइन जाम होने पर इससे छेड़ छाड़ ना करें, क्योंकि इसमें जहरीली गैस हो सकती है। सभी आउटलेट पर जाली लगाएं एवम नियमित रूप से जालियों की सफाई करें। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य एवम स्वच्छता के बारे मे बताया।
सिवरेज से होता है बीमारियों से बचाव
कैप के शुभम सेन ने सीवर कनेक्शन से होने वाले लाभों के बारे बताते हुए कहा कि रसोई व स्नानघर का पानी सीधे नालियों में छोड़े जाने से पानी सड़क पर ही फैलता है, जिससे जीवाणु पैदा होते है। सीवरेज प्रणाली हानिकारक जीवाणुओं की उत्पत्ति रोकने में सहायक है। इससे चिकित्सा पर भी व्यय कम होता है। सीवरेज प्रणाली जल-जनित होने वाली 70 प्रतिशत बीमारियों से बचाव करती है। सीवरेज प्रणाली भूमिगत जल प्रदूषण रोकती है, व्यर्थ पानी को सीवरेज प्रणाली में डाल कर घर के आसपास भरने से रोक कर घरों में सीलन व क्षति से बचाव किया जा सकता है, जिससे रखरखाव का खर्च कम होता है। साथ ही सीवरेज प्रणाली शहर को साफ-सुथरा बनाने में सहायक है। केम्प में स्थानीय महिलाओं से सहयोग की अपील करते हुए बताया कि सीवरेज चालू होने के बाद शहर की गंदगी खत्म हो जाएगी एवम गंदगी के कारण बीमारियों से निजात मिलेगी शहर साफ सुथरा स्वच्छ बनेगा। इस महिला समूह की बैठक में आंगनबाड़ी सहायिका चंद्रकला, कार्यकर्ता व अन्य 20 महिलाओं के साथ एल एंड टी कम्पनी की एस.ओ.टी. टीम के रुपेश, किरण, संतोष एवं रामकिशोर आदि ने सहभागिता की।
