सांगलिया पीठ के महंत सांवरदास के देवलोकगमन पर बैकुंठी के बाद दी समाधि
बड़ी संख्या में संत और अनुयायी हुए अंतिम विदाई में सम्मिलित
सुजानगढ़। सुजानगढ़ के दुलिया बास स्थित बिड़दादासजी महाराज की बगीची के महंत सांवरदास महाराज का शुक्रवार सुबह निधन होने की जानकारी मिलते ही यहां सुजानगढ़ और आस-पास के क्षेत्र में उनके हजारों अनुयाइयों में शोक की लहर दौड़ गई। इसके बाद सांगलिया धूणी के पीठाधीश्वर ओमदास महाराज ने सुजानगढ़ पहुंचकर शोक व्यक्त किया और दिवंगत संत के अंतिम दर्शन किए। महंत सांवरदास के निधन पर सैंकड़ों की तादाद में लोगों ने भी बगीची में पहुंचकर उनके अंतिम दर्शन किए। शाम को सांवरदास महाराज की हरी कीर्तन और बैंड-बाजों के साथ बैकुंठी निकाली जाकर सांगलिया धूणी के जयकारों के साथ उन्हें समाधि दी गई। दिवंगत महंत सांवरदास चरला की गोधाम गौशाला के अध्यक्ष भी थे, उन्हें गौशाला के कोषाध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल, सचिव नोरतन शर्मा, अमराराम चैधरी, किसनाराम, भगीरथ राम बीरड़ा आदि ने चादर चढ़ाई। इस अंतिम विदाई के अवसर पर सांगलिया धूणी के पीठाधीश्वर ओमदास महाराज के अलावा पूसादास महाराज, प्रतापदास, मेघदास, बनवारी जोशी, नरपतदास, अन्नदास, किशनदास, कमलदास, जग्गूदास, विधायक मनोज मेघवाल, सभापति निलोफर गौरी, पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल, जिला प्रमुख प्रतिनिधि रवि आर्य, समाजसेवी मनोज गौड़, रेखा गौड़, कालूराम गैनाणा, पूर्व सभापति बाबूलाल कुलदीप, अनिल तोदी, जिला परिषद सदस्य नौरंग सीलू, सरपंच गिरधारी कांटीवाल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं उमड़ पड़े।
