भगवान पुष्पदंत का निर्माण महोत्सव मनाया, दसलक्षण पर्व पर उत्तम शौच धर्म की पूजा की
लाडनूं। स्थानीय दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में पर्युषण पर्व के पांचवें दिन उत्तम शौच धर्म की पूजा-अर्चना की गई। साथ ही भगवान पुष्पदंतनाथ का निर्माण महोत्सव हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। चंद्रसागर स्मारक जैन मंदिर में भी श्रीधर जयकुमार शास्त्री के परिवार द्वारा दसलक्षण मंडल विधान की पूजा की जा रही है। जिसमें श्रावक श्रद्धालु भक्ति भाव के साथ पूजा का आनंद उठा रहे हैं। बड़ा जैन मंदिर में इस अवसर पर जैन समाज के श्रावक-श्राविकाओं ने भगवान पुष्पदंत को निर्माण लाडू चढ़ाया। प्रातः श्रीजी का जलाभिषेक एवं शांतिधारा की गई। इस अवसर पर जैन दर्शन के वरिष्ठ विद्वान डॉ. सुरेंद्र जैन ने उत्तम शौच धर्म की शुचिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें मन, वचन और काय तीनों की निर्मलता रखने की आवश्यकता है। आज विश्व में जो तनावपूर्ण स्थिति है, उसका मूल कारण मन, वचन और काय पर जो प्रदूषण है, वह है। व्यक्ति के जीवन में मन, वचन, काय निर्मलता में परिवर्तित होगी, वैसे ही आंतरिक स्थिति और विचारों में शांति आएगी, जिससे तनावपूर्ण स्थिति पर नियंत्रण किया जा सकता है। उपाध्यक्ष अशोक सेठी ने कहा कि रात्रिकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम हमारे लिए प्रेरणास्पद है। कार्यक्रम संयोजक एवं बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे नाट्य, नृत्य, पौराणिक वेशभूषा, धार्मिक हाउजी आदि सराहनीय रहे। उन्होंने बताया कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों में संस्कार एवं धार्मिक शिक्षा देते हैं। उपमंत्री सुरेंद्र सेठी ने बताया कि रात्रि में प्रवचन सभा, स्वाध्याय, महाआरती, प्रतियोगिता आदि कार्यक्रम किए जाते हैं। जैन समाज के मंत्री धर्मचंद गोधा नेबताया कि दसलक्षण महापर्व नगर के सभी मंदिरों में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह पर्व जैन समाज में पर्वों का राजा पर्व के रूप में जाना जाता है। कार्यक्रम को सुनियोजित करने में निर्मल पाटनी, आकाश कासलीवाल, अंकुश सेठी, विकास सेठी, रूपल बड़जात्या, सोनिका कासलीवाल, चारू जैन, रुचिका गंगवाल, पायल गोधा सहयोग कर रहे हैं।
