रिश्वतखोरी में पकड़े गए ईओ के निलम्बन पर हाईकोर्ट ने जारी किए स्थगन आदेश
लाडनूं। नगर पालिका लाडनूं का बहुचर्चित रिश्वतखोरी कांड के आरोपी को हाईकोर्ट द्वारा दूसरी बार राहत पहुंचाई गई है। यहां स्टेडियम स्थित क्वार्टर पर प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत एक वृद्धा के मकान का पट्टा जारी करने के ऐवज में 20 हजार रूपयों की रिश्वत लेते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने ईओ मघराज डूडी को रंगे-हाथों गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट द्वारा जमानत स्वीकार करने और उसके बाद स्वायत शासन विभाग राजस्थान द्वारा उन्हें निलम्बित कर दिए जाने के बाद अब फिर हाईकोर्ट द्वारा निलम्बन आदेश स्थगन जारी कर दिया गया है।
लगातार उड़ती रही तरह-तरह की अफवाहें
ईओ डूडी को गिरफ्तार करते ही जब एसीबी की टीम उन्हें लेकर पुलिस थाने ले गई, तभी से अफवाहों का बाजार गरम है। उस समय यह बात उठी कि एक राजनेता ने बड़ा थैला देकर पुलिस थाने में भिजवाया, जिसमें नोटों की गड्डियां थी और वे एसीबी की टीम को सुपुर्द कर दी गई। इसके बाद से लगातार तरह-तरह की अफवाहें फैलती ही जा रही है। यह बात भी उठाई गई कि जिस शख्स ने एसीबी की कार्रवाई करवाई, उसके बयान बदले जाने के लिए मुंहमांगी रकम अदा कर दी गई है। गत दो-तीन दिनों से यह अफवाह जोरों पर रही कि गुरूवार को सुबह 9 से 12 बजे तक का समय ईओ डूडी को पंडित ने वापस लाडनूं नगर पालिका में ज्वायन करने के लिए शुभमुहूर्त बताया है। ‘कलम कला’ किसी तरह की अफवाहों पर बिल्कुल ही भरोसा नहीं करता। जब इस बारे में जानकारी की गई तो हाईकोर्ट का एक आदेश सामने आया, जो स्थगन सम्बंधी है।
निलम्बन आदेश पर मिला स्थगन
राजस्थान उच्च न्यायालय में एसबी सिविल रिट पिटीशन सं. 12695/2022 पिटीश्नर मघराज डूडी पुत्र नारायणराम निवासी सीतसर जिला चूरू द्वारा राजस्थान सरकार मार्फत शासन सचिव स्वायत शासन विभाग, निदेशक एवं संयुक्त सचिव स्थानीय निकाय विभाग एवं एंटीक्रप्शन ब्यूरो जयपुर को पक्षकार बनाते हुए दायर की थी। इसमें जस्टिस अरूण भंसाली ने 2 सितम्बर को आदेश दिए हैं कि यह पिटीशन सं. 7103/2022 दिनंाक 19 मई 2022 पिंटुलाल जाट बनाम राजस्थान सरकार व अन्य में कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अंतरिम आदेश जारी किए हैं। इस दृष्टि से इसे भी स्वीकार किया जाकर स्थगन सम्बंधी नोटिस जारी किए जाकर दो सप्ताह का समय दिया जाता है। यह याचिका पूर्व की याचिका से जोड़ी गई और इस अवधि में और आगामी पेशी दिनंाक तक दिनंाक 23 अगस्त 2022 को जारी किए गए आदेश के प्रभाव एवं संचालन पर स्थगन रहेगा। याचिकाकर्ता की पैरवी सीएस कोटवानी ने की।
