सनातन धर्म में है व्यक्तित्व परिष्कार की अनूठी पहल- मदनमोहन महाराज
मूण्डवा (रिपोर्टर लाडमोहम्मद खोखर)। राष्ट्रवादी प्रवक्ता मदन मोहन महाराज ने कहा है कि अवतारवाद की अवधारणा सिर्फ सनातन में ही संभव है। व्यक्तित्व परिष्कार की विश्व को यह हमारी अनूठी पहल है। महाराज ने कहा कि भागवत महापुराण में साकार और निराकार दोनों परम्पराओं का समाधान है।
वे रविवार को पौकण्डी स्थित तारकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में भट्टङ परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस की कथा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सनातन के इस महाग्रंथ में ज्ञान, भक्ति, कर्म, मोक्ष, विरक्ति सहित धर्म – अध्यात्म की तमाम जिज्ञासाओं के समाधान है। महाराज ने कहा कि यह सम्पूर्ण विश्व विष्णु का स्वरूप है, विष्णु का ह्रदय भारत है, भारत का प्राण हमारी संस्कृति है। महाराज ने अनुसूईया प्रसंग पर कहा कि भारत की नारी ‘शक्ति स्वरूपा’ है, वहीं ध्रुव प्रसंग में उन्होंने स्थाईत्व पर विचार रखे। कथा में जङ़भरत, पुरंजन्य आदि प्रकरणों का विवेचन किया। महाराज ने श्राद्ध अवधारणा पर बताया कि बिना अध्ययन के हम कई बार अपनी संस्कृति पर सवाल उठाते रहते हैं। कथा के शुरुआत में आयोजक परिवार के ओमप्रकाश, शिवप्रकाश, दिनेशकुमार, मुकेशकुमार, अनुराग, शंकुतला देवी, तारा देवी, शिमला देवी, मंजू देवी, उमा देवी, सुमन भट्टङ, ललिता देवी ने व्यास पीठ की आरती की। कथा के दौरान सत्य प्रकाश गोयल मुंबई, पुरुषोत्तम जाजू मुंबई, शालिनी गोयल मुंबई, पंकज मालाणी मुंबई, वासुदेव बंग सूरत, प्रकाश सोनी नागौर, एमडीएच मसाला के सुरेश राठी नागौर, सीपी बिरला मेङता सिटी, राम काबरा कुचामन, नथमल दरक तरनाऊ, सर्वोदय नेता देवेश स्वामी मकराना, राजेश गिलङा मकराना, एडवोकेट शुभम गिलङा मकराना, एडवोकेट अरविन्द चौखङा मकराना, रामदेव शर्मा छोटी खाटू, सत्य नारायण परवाल जयपुर, सुरेंद्र बजाज, जायल व्यापार मंडल अध्यक्ष श्याम सुंदर तापङिया, जायल विकास समिति अध्यक्ष रामस्वरूप कांकाणी, जायल कृष्णा गोशाला अध्यक्ष अंबालाल पाराशर, द्वारका प्रसाद कांकाणी, सोहनलाल वैष्णव मेङतासिटी, मनोज शर्मा जयपुर, संजय वैष्णव सहित स्थानीय श्रृद्धालु मौजूद रहे।
