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जम्मू-कश्मीर के प्राचीन मंदिरों को भारत के पर्यटन मानचित्र पर लाया जाए, पर्यटन की संयुक्त निदेशक सुनैना शर्मा मेहता को सौंपा ज्ञापन

जम्मू-कश्मीर के प्राचीन मंदिरों को भारत के पर्यटन मानचित्र पर लाया जाए,

पर्यटन की संयुक्त निदेशक सुनैना शर्मा मेहता को सौंपा ज्ञापन

महन्त रोहित शास्त्री ने कहा, ‘मंदिरों का पर्यटन मानचित्र पर आने से पर्यटक यहां के धार्मिक स्थलों के इतिहास से रूबरू होंगे, धार्मिक स्थलों का विकास होगा, लोगों को रोजगार मिलेगा और राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।’
जम्मू। श्रीकैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री की अध्यक्षता में प्रतिनिधि मंडल संयुक्त निदेशक पर्यटन जम्मू सुनैना शर्मा मेहता से उनके कार्यालय में मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर महंत रोहित शास्त्री ने उन्हें कहा कि जम्मू मंदिरों के शहर के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध है। देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से प्रत्येक वर्ष लाखों पर्यटक राज्य में पहुंचते हैं, जो कि श्रीमाता वैष्णो देवी के दरबार में माथा टेकने के साथ ही कश्मीर की वादियों का आनंद उठाकर वापस लौट जाते हैं। राज्य सरकार द्वारा पर्यटकों को लुभाने के लिए कश्मीर की वादियों के साथ कटड़ा तक आने के लिए पर्यटन मानचित्र पर स्थान दर्शाए गए हैं। वहीं श्रीबावा कैलख मंदिर ठठर बनतालाब जम्मू, श्रीशोवा माता रांजन जंडियाल जम्मू एवं भगवान श्रीपरशुराम मंदिर अखनूर (जम्मू) एवं अन्य प्राचीन मंदिरों में हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन को आते हैं। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इसके बावजूद आज तक इन प्राचीन मंदिरों को विश्व पर्यटन से नहीं जोड़ा गया है। इस कारण यहां के लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। अगर सरकार सभी मंदिरों को विश्व पर्यटन मानचित्र पर लाती है, तो मंदिरों एवं क्षेत्र का विकास भी होगा। पर्यटक भी अक्सर ऐसे स्थान पर जाने की इच्छा रखते हैं, जहां वाहन से उतरते ही किसी मनमोहक स्थल पर पहुंचा जा सके और सुंदर नजारों का आनंद उठाया जा सके या फिर धार्मिक स्थल के इतिहास से रूबरू हुआ जा सके। अधिकतर सभी मंदिरों तक वाहन जाते हैं तथा ऐसे प्रयासों से प्रदेश में विलुप्त हुए संस्कृत धर्म-दर्शन की पुनर्प्रतिष्ठा सम्भव हो पाएगी।
ज्ञापन लेने व पूरी बात सुनने के बाद संयुक्त निदेशक पर्यटन सुनैना शर्मा मेहता ने महंत रोहित शास्त्री एवं अन्य प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों को आश्वासन दिया कि उनकी इस मांग को जल्द विचार किया जाएगा। अंत में महंत रोहित शास्त्री ने कहा कि मंदिरों का पर्यटन मानचित्र पर आने से पर्यटक धार्मिक स्थलों के इतिहास से रूबरू होंगे, धार्मिक स्थलों का विकास होगा, लोगों को रोजगार मिलेगा और राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस दौरान ट्रस्ट के सदस्य प्रबोध शर्मा, सुमन लाल शास्त्री, उत्तम चंद शर्मा, विनीत आदि ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।

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