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रहस्यमयी संत नीम करौली बाबा पर बना सीरियल, चमत्कारों का विवरण रहेगा शामिल, 108 एपिसोड वाला सीरियल आएगा हर शनिवार
नई दिल्ली (कलम कला दिल्ली ब्यूरो चीफ अतुल श्रीवास्तव की कलम से)। विनय चालीसा के रचयिता प्रभुदयाल शर्मा ने यहां एक प्रेसवार्ता में बताया कि नीम करौली बाबा पर धारावाहिक बना है। सीरियल में 108 एपिसोड हैं और इसका प्रसारण प्रत्येक शनिवार को किया जाएगा। शर्मा ने इस सीरियल की कथावस्तु के बारे में बताते हुए संक्षिप्त में विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताा कि हमें महाराजजी से प्रेरणा मिली कि आज की नई पीढी पाश्चात्य संस्कृति की तरफ बढ़ रही है, जबकि पश्चिमी देशों के लोग हमारी संस्कृति की तरफ से बढ़ रहे हैं। उन्होंने (प्रभुदयाल शर्मा ने) बताया कि हाई स्कूल के बाद उनके टीचर ने आशीर्वाद दिया कि जब वे वृंदावन में दर्शन खोज में थे, तब घूमते हुए एक सज्जन मिले, जिन्होंने बोला कि नीम करौली बाबा से मिलो, इसके बाद जब वे उनके आश्रम में पहुंचे, तो उनके सामने से बाबा निकल गए, लेकिन वे उनको पहचान ही नहीं पाए। उन्होंने बताया कि उनके सास-ससुर ने पहले ही कहा था कि इन्हें किसी बाबा से नही मिलवाना है, फिर मैं किसी तरह से बाबा से मिला और फिर भी मुझे दर्शन नहीं हुआ। तब मैं गुस्सा हुआ और अपने घर चला गया। मुझे घर में ही हनुमान रूप का दर्शन हो गया। मैंने एक चिट्ठी धाम में भेज दिया, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला, फिर मैं कैंची पहुंच गया, वहां पर बाबा को मैंने अपनी रचना भेजी। उन्होंने मेरी चालीसा को छपवा दिया।
प्रभुदयाल ने बताया कि एक बार की घटना है कि आईटीआई आगरा के दौरान 31 साल की रिपोर्ट अच्छी थी, लेकिन भेदभाव की वजह मेरी नौकरी पर दो रिपोर्ट खराब कर दी।
बाबा के चमत्कारी संस्मरण
नीम करौली बाबा फरुखाबाद से ट्रेन में बैठे। टीटीई ने चेकिंग में पूछा कि टिकट सेकंड क्लास की थी और सैकंड के बजाए वे फस्र्ट क्लास की बोगी में बैठ गए। इससे नाराज होने से वे ट्रेन से नीचे उतर गये, और चिमटा गाड़ कर बैठ गए। ट्रेन वहीं रुक गई। गार्ड और टीटीई ने दुबारा आग्रह कर उस ट्रेन को शुरू करवाया। एक और प्रसंग बताते हुए उन्होंने कहा कि बाबा एक गांव में गए और भोजन की मांग की। गरीब होने की से परिवार परेशानी में था, लेकिन उन्होंने भोजन किया और बताया कि एक महीने बाद आएंगे। ब्रह्मा की लड़ाई में जापान की सेना की गोलियों से रात भर बचे रहे थे नीम करौली बाबा। ऐसे थे नीम करौली बाबा के पास आईफोन के सीईओ आय,े तो एप्पल देखकर ही एप्पल फोन बनाया। फेसबुक के जुगरबर्ग भी आये, उनको भी बाबा का आशीर्वाद मिला। जुलिया रॉबर्ट ने तो बाबा से इम्प्रेस होकर हिन्दू धर्म अपना लिया। महाराज के आशीर्वाद से ही चेचक उन्मूलन का कार्य किया गया, चैधरी चरण सिंह को भी आशीर्वाद दिया था।
