फिर किया एक शिक्षक ने शिक्षा के मंदिर को कलंकित,
लाडनूं के बल्दू के प्राइवेट स्कूल में नाबालिग बच्चे को कमरे में ले जाकर शिक्षक ने की गलत हरकतें,
पुलिस कर रही है इस पोक्सो एक्ट के मामले की जांच
लाडनूं (kalamkala.in)। शिक्षा के मंदिरों को कलंकित करने वाले शिक्षकों के मामले बार-बार सामने आते हैं, लेकिन विद्यार्थियों की नासमझी और परिवार की शर्मिंदगी के चलते अधिकांश मामलों को छिपाया जाता है अथवा कुछ समय बाद दबा दिया जाता है। अगर किसी प्रभावी, सम्पन्न और दबंग का मामला हो तो वह अपने अपराध को दबाने-छिपाने के लिए हरसंभव प्रयत्न करके पीड़ित को इतना पीड़ित कर डालता है कि वह अन्ततोगत्वा उसकी बोलती बंद ही हो जाती है। इसी प्रकार पुलिस कार्रवाई को भी ऐसे लोग पूरी तरह से प्रभावित करते हैं। हाल ही में लाडनूं तहसील के ग्राम बल्दू में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमे पोक्सो एक्ट की धाराओं के तहत लाडनूं पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। हालांकि अभी तक इस प्रकरण में पुलिस के मुकदमा दर्ज करने के बाद की कोई कार्रवाई सामने नहीं आई है।
बच्चे को कमरे में ले जाकर की हरकतें
पीड़ित बालक के पिता ने इस वारदात के बारे में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उसका 14 वर्षीय पुत्र ग्राम बल्दू स्थित प्राईवेट का विद्यार्थी है। उसे 11 सितम्बर को अरिहन्त शिक्षण एकेडमी के अध्यापक जेठाराम जाजड़ा उसे एक कमरे में ले गया और उसके गालों व शरीर के अन्य अंगों पर हाथ फेरा कर गलत हरकतें की। जब बच्चे ने इसका विरोध किया और वहां से भागने लगा, तो जेठाराम अध्यापक ने उसके साथ मारपीट की और उसका एक हाथ तोड़ दिया। बच्चे के बाएं हाथ पर फ्रेक्चर आ गया, जिसका इलाज अस्पताल में करवाया गया। बच्चे ने अपने घर पर इस बारे मे ंपूरी बात बताई। इस मामले की रिपोर्ट को पुलिस ने धारा 115(2) बीएनएस 2023 एवं 7/8 पोक्सो एक्ट 2012 के तहत 20 सितम्बर को दर्ज करके कार्यवाही अनुसंधान शुरू किया है। मामले की जांच थानाधिकारी लीलाराम (उपनिरीक्षक) कर रहे हैं। मामले में पीड़ित बच्चे, उसके पिता और दो अन्य गवाहों के बयान हो चुके हैं। इन सबके अनुसार यह वारदात पूर्णतया सही है और की जा रही है।
इनका कहना है
पोक्सो एक्ट का बल्दू का यह मामला हमारे यहां दर्ज है। इस मामले में पुलिस जांच कार्य कर रही है। बच्चे का मेडिकल चैकअप करवा लिया गया है। इस मामले में मैं स्वयं ही जांच अधिकारी हूं। जांच होने के बाद ही इस प्रकरण में खुलासा संभव है।
– लीलाराम, थानाधिकारी, पुलिस थाना, लाडनूं।