तंवरा पंचायत के लोगों ने अवैध खनन, अवैध क्रेशरों आदि के खिलाफ सक्षम कार्रवाई के लिए दिया 10 दिनों का नोटिस, धरना-प्रदर्शन की चेतावनी,
मुख्यमंत्री के नाम का दस सूत्रीय मांग पत्र एसडीएम को सौंपा
लाडनूं (kalamkala.in)। तहसील की ग्राम पंचायत तंवरा के ग्रामीणों ने अवैध खनन और खननकर्ताओं व क्रेशर वालों की मनमानी व अवैध गतिविधियों से परेशान होकर मुख्यमंत्री के नाम का एक ज्ञापन यहां उपखंड अधिकारी मिथलेश कुमार को सौंपा। ज्ञापन में ग्राम तंवरा के खनन माफियाओं द्वारा अवैध खनन, अवैध अतिक्रमण, गौचर भूमि/सार्वजनीक भूमि पर अवैध रास्ते बनाने, ब्लास्टिंग करने, एंव क्रेशरों द्वारा होने वाले प्रदूषण के सम्बन्ध में अपनी मांगें प्रस्तुत करते हुए 10 दिनों में समाधान नहीं होने पर उपखंड कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
अवैध खनन और अवैध कब्जे बने ग्रामीणों की परेशानी का सबब
ज्ञापन में बताया गया है कि ग्राम तंवरा से सुजानगढ़ जाने वाले कटाणी रास्ते पर अवैध अतिक्रमण करके उसे खनन में शामिल कर लिया है, जिससे आने-जाने वाले राहगीरों को परेशानी हो रही है। खनन माफियाओं द्वारा गौचर भूमि पर भी अवैध अतिक्रमण करते हुए जगह-जगह अवैध रास्ते भी बना लिये हैं। खदानों के बीच में बचे हुए पिलर पर भी अतिक्रमण करते हुए खनन तक कर लिया है।
अवैध खनन का माप और वसूली की जावे
ज्ञापन में मांग की गई है कि ग्राम पंचायत तंवरा के अधीन खनन माफियाओं द्वारा जितना भी अवैध खनन किया गया है, उसका पूरा माप करवाया जाकर उसकी राजस्व वसूली करवाई जावे।
मकानों में दरारें व पानी के हौद हुए क्षतिग्रस्त
खनन माफियाओं द्वारा उच्च क्षमता की ब्लास्टींग की जा रही है, जिससे ग्राम में मकानों, कुण्डों, जलाशयों का भारी नुकसान हो रहा है। बहुत से मकान व कुण्डें क्षतिग्रस्त भी हो गये तथा पशु-पक्षी भी प्रभावित हैं।लीजधारक अपनी सीमाओं से बाहर निकल कर अवैध खनन कर रहे हैं एवं सार्वजनिक भूमि/ गौचर भूमि पर जगह-जगह रास्ते बना रखे हैं, उनको तुरन्त प्रभाव से रोका जावे एवं खान मालिकों पर कानूनी कार्यवाही की जावे।
खानों की गहराइयां भराई जावे, सीमाओं पर दीवार हो और क्रेशरों की डस्ट पर पाबंदी लगे
साथ ही इन क्रेशरों से ओवर लोडिंग गाड़ियां/ ट्रक निकलने पर रास्तों / हाईवे सड़क पर पत्थर, कंकड़ फैले रहते हैं, जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।जिन खानों की निर्धारित गहराई से ज्यादा खुदाई हो चुकी है, उनको वापस भरवाया जाये एवं जिन लीजधारकों ने निर्धारित सीमा से ज्यादा गहराई में खनन किया है और अपनी लीज की सीमा से बढकर खनन किया है, उनसे वसूली की जावे और उन पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जावे। लीजधारकों को अपनी सीमाओं को निर्धारित कर दिवारों का निर्माण करवाया जाना चाहिए, ताकि आवारा पशु और ग्रामीणजनों के पशु इन खानों के गहरे गड्डों में ना गिर पाए। क्रेशर मालिकों द्वारा गैर-कानूनी तरीके से चलाए जा रहे क्रेशरों द्वारा उड़ने वाले डस्ट से समस्त ग्रामीण परेशान हैं, इन पर भी कार्यवाही की जावे, क्योंकि माइनिंग क्षेत्र तंवरा, लोडसर (नागौर), के क्षेत्र में प्रदूषण की अत्यधिक समस्या बन चुकी हैं, इसको तुरन्त प्रभाव से रोका जाना चाहिए।
समस्यापूर्ति तक रहें खानें बंद, धरने की चेतावनी
जब तक ग्रामीणों को प्रशासन और खान मालिक सन्तुष्ट नही करते हैं, तब तक खानो को बंद रखा जाने के लिए आगाह करते हुए ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि इन समस्याओं का समाधान 10 दिनो में नहीं होने पर ग्रामीण उपखण्ड कार्यालय लाडनूं के सामने धरने पर बैठ जाएंगे। ज्ञापन देने वालों और ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों पर सरपंच सुमित्रा कस्वा, एडवोकेट हरीश मेहरड़ा, मेघराज तंवर, प्रकाश खोखर, राहुल सिंह, प्रभुराम, देवीलाल शर्मा, मुलाराम खोखर, नारायण सिंह, भंवर, कुलदीप सिंह आदि शामिल रहे।
