गणगौर से निवृत होने के बाद महिलाओं ने की आस माता की पूजा, खेजड़ी के पेड़ के नीचे बैठकर सुनी कहानी लगाई परिक्रमा
लाडनूं (kalamkala.in)। होली के सात दिन बाद शीतला आई, शीतलाष्टमी के सात दिन बाद यानि होली के बाद 16 दिनों की गणगौर पूजा के बाद अब महिलाएं आस माता के व्रत और पूजन में लग गई है। गणगौर के बाद व्रतधारी महिलाएं शमी वृक्ष (खेजड़ी) की पूजा करती है, वहां बैठ कर आस माता की कहानी सुनाती है और फेरी या परिक्रमा लगाती है, सूर्य को कलश से अर्घ्य चढ़ाती है। इस प्रकार जहां खेजड़ी का पेड़ मिलता है, वहां सजी-धजी महिलाओं के झुंड नजर आते हैं। यहां गणगौर के बाद आस माता की पूजा और कहानी श्रवण में शामिल हुई महिलाओं में बीजू जांगिड़, पूजा तंवर, सपना पंवार, पूजा पंवार, सुमन पंवार, पूनम आर्य, सुनीता आर्य आदि महिलाएं शामिल रही। सभी ने पार्षद सुमित्रा आर्य के घर स्थित खेजड़ी के पेड़ के नीचे बैठ कर पूजा की।
