सहकारी बैंकों के अधिकारी व कर्मचारियों ने तीसरे दिन भी किया काली पट्टी बांधकर विरोध

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मूण्डवा (रिपोर्टर लाडमोहम्मद खोखर)। आल राजस्थान को-आपरेटिव एम्पलाईज यूनियन व ऑफिसर्स एसोसिएशन नागौर के आह्वान पर सहकारी बैंक के प्रधान कार्यालय सहित जिले की समस्त 19 शाखाओं के कर्मचारी व अधिकारियों ने बुधवार को भी अपनी मांगों के समर्थन में काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज करवाया। यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रेमसुख पिचकिया ने बताया कि सरकार यूनियन की मांगो का शीघ्र निराकरण करें अन्यथा समस्त बैंक-कार्मिकों द्वारा कार्य का सम्पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा।
यूनियन का मांग-पत्र
उन्होंने बताया कि यूनियन की प्रमुख मांगे इस प्रकार से हैं- नाबार्ड द्वारा निर्धारित स्टाफ स्ट्रेंथ को लागू किया जावे, अल्पकालीन फसली ऋण वितरण पर देय क्षतिपूर्ति ब्याज को पुनरू बढ़ाकर एक प्रतिशत करने, बैंक द्वारा स्वयं के कोष से वितरित अल्पकालीन फसली ऋण वितरण पर देय 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान को नाबार्ड व केन्द्र सरकार से पुनरू लागु करवाने, अल्पकालीन रबी ऋण चुकाने की विस्तारित अवधि 1 जुलाई से 31 अगस्त 2022 तक का ब्याज सहकारी बैंकों पर नहीं थोपने, अल्पकालीन ऋण नीति 1 अप्रेल से पूर्व ही समय पर जारी करने बाबत् नाबार्ड को अनुरोध करने, ’शीर्ष सहकारी बैंक द्वारा केन्द्रीय सहकारी बैंक से अल्पकालीन ऋण हेतु उधारी पर मार्च व सितम्बर में लिया जाने वाला अग्रिम ब्याज बंद करने तथा इसे राज्य व केन्द्र सरकार से ब्याज अनुदान प्राप्त होने पर ही वसूल करने, ऋण माफी के प्रति राज्य सरकार से प्राप्त योग्य राशि पर बकाया ब्याज का शीघ्र भुगतान करवाने, सहकारी बैंकों के अधिकारियों व कर्मचारियों का अतिदेय हो चुका 16वां वेतन समझौता शीघ्र लागू करने, सहकारी बैंकों में स्टाफ की शीघ्र भर्ती करवाई जाने सहकारी बैंको में डी.पी.सी. करवाने के लिए कैलेण्डर जारी करने आदि हैं।

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Author: kalamkala

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