माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय के संस्था प्रधानों की दो दिवसीय वाक्पीठ संगोष्ठी सम्पन्न
मूण्डवा (रिपोर्टर लाडमोहम्मद खोखर)। लेखाधिकारी रामनिवास रिणवा ने माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय के संस्था प्रधानों की वाक्पीठ संगोष्ठी के दूसरे दिन सत्रारम्भ में सम्बोधित करते हुए वित्तीय नियमों और सेवा नियमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रत्येक विद्यालय में गठित एसएमसी और एसडीएमसी को पूर्ण संवैधानिक बताते हुए कहा कि इस कमेटियों द्वारा विद्यार्थियों के हित में लिए गए समस्त निर्णय संवैधानिक महत्व रखते हैं। यह कमेटी अपने आप में संविधान-स्वरूप होती हैं। विद्यालय और विद्यार्थियों के हित में अनुमोदित एसडीएमसी के प्रस्ताव को कोई चुनौती नहीं दी जा सकती है। यह वांक्पीठ संगोष्ठी मूंडवा के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित की जा रही है। रिणवा ने इस अवसर पर निलामी, खरीददारी, अनुशासनात्मक कार्यवाही और तमाम कार्यालयी अध्यक्ष के दायित्वों पर विस्तार से प्रकाश डाला। संगोष्ठी में डीडिया कला के पीईईओ रामविलास राजावत ने ’शिक्षक सम्मान’ आवेदनों के विभिन्न सोपानों की जानकारी देते हुए ऑनलाइन करने के तरीकों के बारे में बताया।
नगर परिषद् नागौर के सहायक अभियंता कमलेश फूलफगर ने विद्यालय भवन के निर्माण में बरती जाने वाली सावधानियों और पट्टे बनाने की प्रकिया को पीपीटी द्वारा समझाया। राउमावि कसनाऊ के व्याख्याता जयराम सिवर नागौरी ने ‘संस्था प्रधानों की भूमिका और सहशैक्षिक गतिविधियों का व्यक्तित्व निर्माण में योगदान’ विषय पर अपनी वार्ता दी। राउमावि ग्वालू के शारीरिक शिक्षक प्रवीण यादव ने ग्रामीण ओलंपिक खेल-कूद प्रतियोगिताओं के आयोजनों को लेकर अपनी वार्ता दी तथा ’यू-डाइस, शाला समंक, शाला सिद्धि, स्काउट-गाइड, एन एन एस व इंस्पायर अवार्ड’ विषय पर अपनी वार्ता प्रस्तुत की। द्वितीय सत्र में सेवानिवृत्त होने वाले बूनरावता के प्रधानाध्यापक तुलसीराम मुंडेल और कसनाऊ की पीईईओ सरिता माथुर का सदन द्वारा अभिनंदन किया गया। समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोपाल सारडा ने इस संगोष्ठी को मूंडवा के लिए महत्वपूर्ण बताया। विशिष्ट अतिथि संस्कार एकेडेमी नागौर के निदेशक प्रदीप गालवा ने अपने सम्बोधन में संस्था प्रधानों को भारत के भविष्य की तस्वीर के चितेरे चित्रकार बताते हुए शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला और सभी संस्था प्रधानों को उपहार स्वरूप हैंड बैग प्रदान किए। सीबीईओ मानाराम पचार ने विभागीय प्रबोधन दिया और संयोजक भंवरलाल जाट ने सभी का आभार जताया। इस संगोष्ठी में 52 शिक्षाविदों ने भाग लेकर मनन-चिंतन और सत्र पर्यन्त संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन के सम्यक् सूत्र साझा किये। संयोजक भंवरलाल जाट ने बताया कि इस संगोष्ठी की सभी वार्ताओं, सुझाओं और नवाचारों को प्रकाशित करवाकर विभाग को प्रेषित किया जाएगा।
