अपने लिए जिए तो क्या जिए-
लाडनूं कच्ची बस्ती में बच्चों के बीच चॉकलेट, मिठाई व उपहार बांट कर मनाया दुजार की युवती ने अपना जन्मदिन
बच्चो के चेहरे पर मुस्कान देखकर युवती ने लिया संकल्प कि अब अपना हर जन्मदिन अथवा अन्य कोई भी मांगलिक अवसर दूसरों के साथ खुशियां बांटकर ही मनाएगी
लाडनूं। kalamkala.in अपनी और अपनों की खुशी देखकर तो हर कोई खुश होता है, लेकिन दूसरों के चेहरे पर मुस्कुराहट देखकर जो खुशी मिलती है वह शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। जन्मदिन के मौके पर अक्सर लोग घरों में या रेस्टोरेंट में परिवार, रिश्तेदारों और मित्रों के साथ जन्मदिन मनाते है लेकिन यहां लाडनूं की बेटी सुमन जांगिड़ ने गरीब बच्चों के बीच जाकर अपना जन्मदिन मनाया। दुजार निवासी सुमन जांगिड़ ने लाडनूं में गणगौर होटल के पास कच्ची बस्ती में गरीब बच्चों के बीच पहुंच कर उन्हें मिठाई चॉकलेट और गिफ्ट दिये तो बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठे।
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आजकल युवाओं की दुनिया बड़ों से बिल्कुल अलग होती हैं, इस उम्र में दोस्त, मित्र, परिजन और अपनों के साथ सेलिब्रेशन का स्वभाविक मन करता है, लेकिन अपनी खुशी में दुसरो की खुसी ढूंढने वाले बहुत ही कम मिलते है।
खुद के लिए जिए तो क्या जिए

कच्ची बस्ती के बच्चों के बीच अपना जन्मदिन मनाने के बाद बेहद प्रसन्न और संतुष्ट नजर आयी सुमन जांगिड़ ने बताया कि खुद के लिए जिए तो क्या जिए। उन्होंने बताया कि वास्तव में खुशी क्या होती है, इन बच्चों के बीच जन्मदिन मनाकर पहली बार महसूस हो रहा है। बच्चों के चेहरे पर चमक और खुशी को देखते हुए सुमन ने संकल्प लिया है कि अब वह अपना हर जन्मदिन या अन्य कोई मांगलिक अवसर इसी तरह दूसरों को खुशियां बांटकर ही मनाऊंगी।
