राष्ट्र विकास में सबसे बड़ी बाधा है तेजी से फैल रहा भ्रष्टाचार- प्रो. त्रिपाठी,
‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह’ केे शुभारम्भ पर ली सतयनिष्ठा की शपथ
लाडनूं। केन्द्रीय सतर्कता आयोग एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन जैन विश्वभारती संस्थान में कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ के मार्गदर्शन व निर्देशन में किया जा रहा हैै, जिसका शुभारम्भ सत्यनिष्ठ प्रतिज्ञा के साथ समारोह पूर्वक किया गया। शुभारम्भ कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन ने संस्थान के सभी अकादमिक, अनाकद्मिक सदस्यों एवं समस्त विद्यार्थियों को भ्रष्टाचार मुक्त भारत हेतु किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार में लिप्त ना होने तथा भ्रष्टाचार के दुष्प्रभावों से आमजन को जागरूक करने सम्बन्धी सत्यनिष्ठ प्रतिज्ञा, शपथ ग्रहण के रूप में करवाई तथा कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास में सबसे बड़ी बाधा विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा भ्रष्टाचार है। हमारा भारत विकसित देश तब ही बन पायेगा जब देश का प्रत्येक नागरिक भ्रष्टाचार उन्मूलन में पूर्ण इमानदारी से सहयोग करेगा। सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस पर उन्होंने बताया कि सरदार पटेल स्वयं सत्यनिष्ठा की प्रतिमूर्ति थे तथा राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान अद्वितीय रहा है। हम सरदार के सपनों का भारत, भ्रष्टाचार उन्मूलन के द्वारा ही कर सकते हैं।
सात दिनों में होंगे विभिन्न कार्यक्रम
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. गिरधारी शर्मा ने बताया कि संस्थान में 31 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक चलने वाले ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह’ का मूल विषय ‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत: विकसित भारत’ है। सत्यनिष्ठ की प्रतिज्ञा के साथ इसका प्रारम्भ किया गया है। आगामी सात दिनों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा, जिनमें भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, लघु नाटिका एवं लोकगीत प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता तथा राष्ट्रीय सेमिनार आदि प्रमुख हैं। इन सभी कार्यक्रमों का उद्देश्य भ्रष्टाचार के प्रति जागरूकता उत्पन करना है। कार्यक्रम में संस्थान परिवार के सभी सदस्यों की सहभागिता रही।
