सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने पर हुएजैन समाज के लोग नाराज, मौन जुलूस निकाल कर दिया ज्ञापन
लाडनूं। स्थानीय दिगंबर जैन समाज के लोगों ने यहां उपखंड अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम से ज्ञापन देकर झारखंड स्थित सम्मेद शिखर क्षेत्र को पर्यटक स्थल घोषित करने पर नाराजगी जताई गई है। साथ ही सरकार द्वारा इस फैसले को वापस लिए जाने की मांग की गई है। यहां दिगम्बर जैन समाज के महिला-पुरूषों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर मौन जुलूस के साथ उपखंड कार्यालय पहुंच कर वहां उपखंड अधिकारी अनिल कुमार गढवाल को राष्ट्रपति के नाम का यह ज्ञापन सौंपा।
क्यों पहुंचाई जा रही है धार्मिक आस्था को ठेस
इस ज्ञापन में बताया गया कि जिस स्थान को सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित किया गया है, वह स्थल समस्त देश के जैन धर्मावलम्बियों की आस्था का केन्द्र है। राज पाटनी ने बताया कि झारखंड सरकार द्वारा सम्मेद शिखर के पवित्र पहाड़ को पर्यटन स्थल घोषित किया गया है, जो देशभर के जैन समाज को अमान्य है। सम्मेद शिखर चैबीस में से बीस जैन तीर्थंकरों की मोक्ष (निर्वाण) स्थली है। इसे किसी भी आधार पर सैर-सपाटे का स्थल नहीं बनाने दिया जा सकता। ज्ञापन में सम्मेद शिखर क्षेत्र की पवित्रता बनाए रखने और संरक्षण के लिए केंद्र सरकार से मांग की गई है। ज्ञापन में बताया गया कि सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल पर्यटन का नहीं, बल्कि धार्मिक श्रद्धा, आस्था और तपस्या का तीर्थ है, यहां से हर एक काल में करोड़ों भव्य आत्माओं ने मोक्ष निर्वाण प्राप्त किया है, अतः इसे पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के निर्णय को वापस लिया जाए।
इन सबकी रही उपस्थिति
इससे पूर्व यहां दिगंबर जैन बड़ा मंदिर के पास बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग एकत्रित हुए। और वहां से मौन जुलूस के रूप में उपखंड कार्यालय पहुंचे। इस अवसर पर पर दिगंबर जैन समाज के धर्मचंद गौधा, चांदकपूर सेठी, राज पाटनी, महेंद्र सेठी, भागचंद पाण्ड्या, सुभाष गंगवाल, संतोष गंगवाल, बाबूलाल सेठी, राजेश कासलीवाल, रजनीश मच्छी, आतम जैन, किरण बड़जात्या, हीरादेवी मच्छी, नीलम सेठी, सुशीला गंगवाल, निर्मल पाटनी आदि उपस्थित रहे।
